ज़िन्दगी की भी एक पंछी समान उड़ान है
हर इंसान की होती अपनी अलग पहचान है
मगर कोई इस ज़िन्दगी से हैरान है
तो कोई समझता इसे शमशान है
बड़ी मुदत से मिलती है ये ज़िन्दगी
बड़ी खुशनसीब है ये ज़िन्दगी
न जाने फिर भी रहती हमें किसकी तलाश है
हर पल , हर घड़ी बस उसी की आस है
किसी शक्स को अपनी 'ज़िन्दगी' न बनाओ
भ्रम के साये में इसे कभी न सुलाओ
एहमियत उन्हें दो जो हर दुर्लभता में साथ है निभाता
तुम्हारी ख़ुशी में जो झूमे और दुःख में दुःख को भी है मनाता
शक्स से शक्सियत यूँ ही नहीं है कोई बना
इस ज़िन्दगी की तलाश में हुई हैं कई ज़िंदगियाँ फना
ज़िन्दगी तलाश नहीं , ज़िन्दगी तो मिठास है
जिसे सचे दिल से चाहो , वो पास न होकर भी हमेशा तुम्हारे पास है
ज़िन्दगी तलाश नहीं, ज़िन्दगी तो मिठास है
अक्षय ठाकुर
हिमाचल प्रदेश